❤Shayari About Life❤
ख्वाब दुख देने लगे थे,
मेने देखने ही छोड़ दिए।
घूँघट, हिजाब, नकाब ये ग़ालिब के दोर में था,
अब तो I’d Private का जमाना आ गया है।
लोटा जब वो बिना जुर्म की सजा पाकर,
सारे परिंदे रिहा कर दिए उसने घर जाकर।
जिन्हे गुणो की पहचान नहीं है उनकी तारीफ से डरो,
और जिन्हे गुणो की जानकरी है उनके मोन से डरो।
जिंदगी जिंन्हें खुशियां नहीं देती,
उन्हें तजुर्बे बहुत देती है।
हमें नाज़ है अपनी परवरिश पर,
हम गुस्से में भी तमीज नहीं भुलते।
ना ही उनका कोई एब है, ना ही वो फरेब है,
कसूर तो मेरा है, क्योंकि खाली मेरी जेब है।
इश्क से बंचीये जनाब सुना है धीमी मोत है ये।
खूबिया इतनी तो नहीं किसी का दिल जीत सके,
लेकिन कुछ पल ऐसे छोड़ जाएंगे भुलना आसान नहीं होगा।
कुछ न रह सका जहां विरानिया तो रह गई,
तुम चले गए तो क्या कहानियां तो रह गई।