😘Shayari on Life😘
जिंदगी की हरकते देख के,
मोत् से डर खत्म हो गया।
समय कई जख्म देता है शायद,
इसलिए घड़ी में फूल नहीं कांटे होते हैं।
अगर उपवास से भगवान खुश होते तो,
कई दिनों से भुखा वो भिखारी सबसे खुशनसीब होता है।
निंद आने के लिए रात नहीं सुकून जरूरी है।
आग लगाता हूं कि दिल में रोशनी हो,
डरता हु कही लोग तमाशा ना देख ले।
किसी की तस्वीर को सहज कर रखना,
बिना उनके, उनके साथ जीने जैसा है।
मजबूरियों ने बांध दिया उस लड़के को,
जो कभी दोस्तों के साथ खुला घूमता था।
भटक जाते हैं लोग अक्सर इश्क की गलियो में,
इस सफर का कोई नक्शा तो होना चाहिए।
सूरज ढला तो कद से ऊंचे हो गए ये साये,
जिन्को कभी रोंदा था अपने पैरो से।
जो सामने है उसे लोग बुरा कहते हैं,
जिसको देखा ही नहीं उसे खुदा कहते हैं।