वो मुझे दूर करने की जिद्द लिये बेठा है,
साथ चलना नहीं है मंजिल का बादा कर बेठा है,
मुझे मोहब्बत है समंदर की उन लहरों से,
और मेरा महबूब पहाड़ों को दिल दे बेठा है।
उसने सारी दुनिया मांगी मेने उसे मांगा है,
उसके सपने एक तरफ मेरा सफना एक तरफ है।
जरा भी नहीं देखेंगे किसी और को,
तुझे अपना बनाकर मतलबी हो जाएंगे।