Shayari Dard Hindi
कर ली फिर से किताबो से दोस्ती,
अब ये जमाना दिल लगाने के काबिल कहा।
मत रख वफ़ा ए उम्मिद किसी परिंदे से,
जब पर निकल आते हैं तो अपना ही आसियान भूल जाते हैं।
जिंदगी कितनी आसान हो जाती,
अगर तू सुबह तू ही साम हो जाती।
तेरी कहानी में मेरा किरदार जरूर होगा,
छोटा ही सही असरदार जरूर होगा।
Hindi Shayari on Dard
कुछ एहसास दिल में ही अच्छे लगते हैं,
बाहर आ जाए तो मजाक बन जाता है,
अहसास का और इंसान का भी।
बहुत करीब से अजनबी बन कर गुजरा है वो शक्स,
जो कभी दूर से ही पहचान लिया करता था।
कोई नहीं है दुश्मन फिर भी परेशान हूं,
अपने ही दे देते हैं जख्म बस इस बात से हैरान हूं।