Dard Hindi Shayari
कभी कभी अल्फाज नहीं होते कैफियत बयान करने को,
बस दिल करता है गालिब कोई समझ ले, संभाल ले, समेट ले।
होठो की हंसी को ना समझ हकीकत ए जिंदगी,
दिल में उतर कर देख कितना टुटे हुए हैं हम।
कितनी बार कहा है तुझसे निंद में हाथ ना छोड़ो,
ख्वाब समुन्दर के आते हैं तैर नहीं पाता में।
छोड़ो यारो इश्क का रोग,
झूठी है दुनिया झूठे है ये लोग।
यही एक राहत थी और गिला भी यही,
वो मिला तो सही मगर मिला ही नहीं।
Dard Shayari in Hindi
आंखें भीगोने लगी है अब बाते तेरी,
काश हम अजनबी ही रहते तो अच्छा था।
इश्क और नशे हिसाब से करने चाहिए,
वरना राते खराब हो जाती है।
मुझे यूं तडपाने की जरूरत क्या थी,
मेरा दिल दुखाने की जरूरत क्या थी,
इश्क नहीं था तो साफ साफ कह देती,
अपनी औकात दिखाने की क्या जरूरत थी।
दिल में चुभ जाती है अक्सर अपनों की ही बाते,
गेरो में इतना दम कहा कि आंखों में आंसू ला दे।
आधा ख्वाब, आधा इश्क, अधूरी सी है बंदगी,
मेरे हो पर मेरे नहीं कैसी है ये जिंदगी।