Hindi Shayari on Dard

Shayari Hindi Dard

इंसान कितना ही अमीर क्यू ना हो जाए,
तकलीफ बेच नहीं सकता और सुकून खरिद नहीं सकता।

उम्मिदे इंसान से लगा कर सिकवा करते हो,
तुम भी ग़ालिब कमाल करते हो।

अक्सर याद आ जाते हो तुम फिर सारी रात जगते है हम,
पास नहीं हो मेरे फिर भी क्यु इतना सताते हो तुम।

जिंदगी रही तो फिर होगी तुम्हारी फिकर,
अगर इस रात चल बसा तो अपना ख्याल रखना।

दुनिया उजाड़ कर मेरी,
चले हैं वो अपनी दुनिया बसाने,
खेर ये कोई नई बात नहीं,
इसमे तो बित गये जमाने।

 Hindi Dard Shayari

बस हक जताना छोड़ दिया,
वरना मोहब्बत तो आज भी है।

एक दिन में मेरी तरफ से आखिरी कोशिश करूंगा,
फिर उसके बाद में तुझे पलटकर भी नहीं देखूंगा।

बंधा है बांध बातो का मन का दरिया बहा जाए,
सुन लेते हैं दुखड़ा सबका अपना किस से कहा जाए।

वो समझा ही नहीं कभी मेरे लफ्जो की गहराई को,
मेने हर वो लफ्ज कह दिया जिसका मतलब मोहब्बत था।

सोचता था दर्द की दोलत से एक में ही मालामाल हूं,
देखा जो गोर से हर कोई अमीर निकला।

Leave a Comment

0 Shares
Share via
Copy link